अपने जीवन को यादों का सफर बना लीजिए
अपने जीवन को यादों का सफर बना लीजिए
इस संसार में हमें कैसे रहना है
और खुद को कैसे गढ़ना है
हमें कमल फूल से सीखना चाहिए
जो कीचड़ में ही रहकर
खिलकर मुस्कुराती हुई रहती है
और सबके मन को लुभाती है।
वैसे ही हमारे माता पिता और गुरु
दिखाते है हमें जीवन जीने की राह
अच्छे चिंतन को अपनाकर
सत्साहित्य को भी हमें पढ़ना चाहिए।
लोभ मोह व काम क्रोध को त्यागकर
सदाचरण हमें करना है
सत्साहित्य में भरा हुआ है ऋषि मुनि का ज्ञान
आग में तपकर ही सोना मूल्यवान बनता है
पीड़ित मानव का सेवा करके
अपने जीवन को यादों का सफर बना लीजिए।
हमें जमाने का रुख देखकर चलना होगा
जीने का अंदाज बदलना होगा
रिश्ते नातों में भी फर्ज अदाई निभाइएं
पर जरा संभलकर हमें चलना होगा।
तोड़कर सांसारिकता के चक्रव्यूह
निज अस्तित्व का भी विस्तार कर
जन्म तेरा हो जाए ना व्यर्थ
तुझें अकेले ही जाना है भवसागर पार।
न होना मायूस तू खुद से कभी
उम्मींद की कोशिश को खोना ना कभी
निभाओं इंसानियत का कुछ रोल तो
हीरा जैसा तुमको एक दिन बना देगा
अपने जीवन को यादों का सफर बना लीजिए।
नूतन लाल साहू
Mohammed urooj khan
23-Jan-2024 01:17 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Shnaya
22-Jan-2024 12:41 AM
Very nice
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Milind salve
21-Jan-2024 08:08 PM
Nice
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